मेरी पूर्व प्रेमिका का जन्मदिन है. वैसे प्यार तो मैं ही करता था पर शायद दिल्लगी उसने भी की थी. पर अब हमारा संबंध बस नाम का रहा है. उनका नम्बर मेरे पास भी है और अगर उसने रखा होगा तो मेरा नम्बर भी होगा उसके पास,पर हमारी बातचीत अब खास मौके की मोहताज हो चुकी है. खैर वो तो खुश है कि पीछा छूटा और शायद उसकी खुशी से मैं भी खुश हूँ,वैसे यकीनन नहीं कह सकता की खुश हूँ क्यूँकि ना चाहकर भी पलकें भिंगो जाती है याद उनकी. ओह मैं क्या बता रहा था और क्या कहने लगा.
मैनें उसे रात के12:08AM परफोन किया. गनीमत रही की फोन लगा भी और उठा भी. ये वही मधुर आवाज थी जिसे सुनने को मेरे कान तरस रह थे,जिसे सुनकर मैं अपने सारे गम भूल जाता था.. उन्होनें जब दुबारा कहा- हेल्लो,अब कुछ कहोगे भी या फिर से खामोश रहना है. मैं जैसे नींद से जागा. हेल्लो कहकर मैनें उन्हें अंग्रेजी की चंद पंक्तियों के द्वारा जन्मदिन की शुभकामना दी. फिर कुछ पल खामोशी के गुजरे और उन्होनें कहा-और भी कुछ???
पर मैं तो बस कुछ पल और बीताना चाहता था उसके साथ ।।
बस तब से होश-ओ-हवाश नहीं है.. लगता है जैसे दर्द दिल में हो रहा है,रो आँखें रही है और सिर फटा जा रहा है..
उत्कृष्ट प्यार
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