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Sunday, December 13, 2015




न्यायक भवन कचहरी नाम / चन्दा झा


न्यायक भवन कचहरी नाम।

सभ अन्याय भरल तेहि ठाम॥



सत्य वचन विरले जन भाष।
सभ मन धनक हरन अभिलाष॥



कपट भरल कत कोटिक कोटि॥
ककर न कर मर्यादा छोटि॥



मन कवि ‘चन्द्र’ कचहरी घूस।
सभ सहमत ककरा के दू स?

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